रणजी ट्रॉफी कैसे खेलें | ranji trophy me selection kaise hota hai — sportsgo.in
इस ब्लॉग पोस्ट में आप जानेंगे रणजी ट्रॉफी कैसे खेलें, रणजी ट्रॉफि ट्रायल कैसे दें व ट्रायल हेतु डाक्यूमेंट्स, भारत में कौन-कौन सी घरेलु क्रिकेट प्रतियोगिताएं होती हैं। उत्तराखंड क्रिकेट टीम में कैसे अप्लाई करे अंडर 14, 16, 19 ओपन ऐज कैटेगरी ।
Lets dive in deeper
दोस्तों मैं भी कभी इंडिया के लिए क्रिकेट खेलना चाहता था परन्तु जानकारी न होने की वजह से ऐसा हो नहीं पाया। मैं उत्तराखंड की टीम से खेलना चाहता था और 2019 में अप्लाई भी किया था परन्तु ट्रायल का मौका नहीं मिला इस पोस्ट में आपसे शेयर करूँगा की कौन से डाक्यूमेंट्स ज़रूरी होते हैं ट्रायल में हिस्सा लेने के लिए।
यदि आप भी 14–17 या 26–35 साल की ऐज क्रॉस कर चुके हैं और फिर भी पैशन है क्रिकेट खेलने का और जानकारी चाहते हैं की कैसे किसी डोमेस्टिक टीम का हिस्सा बने तो निश्चित रूप से ये पोस्ट आपके लिए है इसे पूरा पढ़ें।
क्रिकेट खेलने की निम्न आयु — अंडर 14 — अंडर 16 — अंडर 19 — ओपन ऐज — इसमें कोई ऐज लिमिट नहीं होती है 22 साल से शुरू होती है और 40–45 या उससे अधिक ऐज के हैं तो भी आप एलिजिबल हैं । वसीम जाफर (Wasim Jaffer) का नाम आपने सुना होगा यदि नहीं तो गूगल सर्च करे वे 41 साल के हो चुके हैं और अभी भी मुंबई रणजी टीम में खेलते हैं उन्हें मुंबई क्रिकेट टीम का भीष्म पितामह कहते हैं।
दोस्तों आईपीएल में भी कई ऐसे खिलाडी है जो 40–45 साल के हैं पर टैलेंट के दम पर खेल रहे हैं तो निराश होने की बजाय खेलना शुरू करे कहाँ और कैसे अप्लाई करना है वो जानकारी आपको स्पोर्ट्सगो देगा और यदि आपका कोई सवाल है तो बिना किसी हिचकिचाहट के आप निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। स्पोर्ट्स से जुडी अन्य जानकारियों के लिए सब्सक्राइब करना न bhoolen.
यदि आप उत्तराखंड में रहते हैं तो एक अच्छी खबर ये है की सन 2018 से उत्तराखंड को रणजी ट्रॉफी खेलने की मान्यता मिल गयी है और अब आप भी घरेलू ट्रॉफी में भाग ले सकते hain.
Documents required for cricket trial state level — School Students and others12–19 years age category
नोट — सभी डाक्यूमेंट्स पीडीऍफ़ फॉर्मेट में होने अनिवार्य hain.
Documents required for cricket trial Ranji trophy — open age category above 22 years (no age limit)
ओपन ऐज केटेगरी बॉक्स में दूसरे पॉइंट का मतलब — आपके पास सैलरी स्लिप के रूप में एक साल से उस राज्य में जॉब करने का प्रूफ होना चाहिए जिस राज्य से आप ट्रायल के लिए अप्लाई करेंगे और साथ ही सारे डिटेल्स जो ऊपर बॉक्स में दिए गए हैं अनिवार्य हैं।
ध्यान रहे सैलरी प्रूफ के रूप में कॅश सैलरी या लेटर हेड पर लिखवाया गया मान्य नहीं होगा भले ही आप स्कूल में जॉब करते हो कोच हो या अन्य आर्गेनाइजेशन में कार्यरत हो ।
यदि आप किसी राज्य में 15 साल से भी रह रहे हों और आपके पास अपना घर भी हो राशनकार्ड पर नाम भी हो आधार कार्ड भी हो परन्तु सैलरी स्लिप न हो तो भी आप ट्रायल नहीं दे सकते। इसलिए आपके पास सैलरी स्लिप कम से कम एक साल की होना अनिवार्य है ।
दोस्तों यह सब मैं अपने अनुभव के आधार पर कह रहा हूँ। B.C.C.I के इस बेतुके और बिन सर पैर के रूल की निंदा कई पूर्व खिलाडी भी कर चुके हैं।
क़ायदेसे होना तो यह चाहिए की आपके पास बस एक आधार कार्ड और पैन कार्ड होना चाहिए बाकी टैलेंट के दम पर ही सिलेक्शन होना चाहिए क्योंकि ज़रूरी नहीं की सभी लोग जॉब करते हो कुछ किसान तो कुछ छोटे व्यापारी भी होते है पर नियम वे लोग बनाते है जिन्होंने कभी खुद क्रिकेट नहीं खेला होता है।
मेरे पिताजी आर्मी से है अतः हम हमेशा अलग अलग राज्यों में रहे हैं यदि आप भी आर्मी फॅमिली से है तो भी आपके पास सैलरी स्लिप होनी अनिवार्य है।
उत्तराखंड Ranji trophy me selection ke liye kaise apply kare
यदि आप उत्तारखंड में रहते हैं तो आप स्टेट लेवल क्रिकेट ट्रायल के लिये भल्ला स्टेडियम हरिद्वार जो की बस अड्डे से करीब 3–5 km की दूरी पर है वहां डायरेक्ट जाकर अप्लाई कर सकते हैं ।
आपको श्रीमान बर्थवाल जो की B.C.C.I द्वारा फॉर्म सबमिशन प्रोसेस के लिए चुने गए हैं, से फॉर्म लेकर उसे भरने के पष्चात उन्हीं के पास जमा करना होगा । इस फॉर्म का मूल्य 300 रूपए है इसके अतिरिक्त आपका और कोई शुल्क नहीं लगेगा।
यह ट्रायल हर साल होते हैं तथा हर साल नए खिलाडी चुने जाते हैं। इस साल यानी 2021 के ट्रायल होने अभी बाकी हैं । ट्रायल की डेट आपके लोकल अखबार में करीब 1–2 हफ्ते पूर्व आती है। ट्रॉयल की इन्फॉर्मेशन अमर उजाला, दैनिक जागरण जैसे अख़बारों में आती है। यह जानकारी आपको इस वेबसाइट (sportsgo.in) पे भी मिल जायेगी।
ranji trophy me selection kaise hota hai
ranji trophy trayel के माध्यम से रणजी ट्रॉफी में सिलेक्शन होता है। रणजी ट्रॉफी का ट्रायल हर साल होता है । रणजी ट्रॉफी का यह ट्रायल राज्य स्तर पर होता है तथा इस ट्रायल में राज्य के क्रिकेट बोर्ड की तरफ से सेलेक्टर आते हैं। वे आपकी बेसिक स्किल देखते हैं। इस ट्रायल में बैट्समैन बैटिंग तथा बोलर्स बॉलिंग करते हैं । ट्रायल में हिस्सा लेने के लिए आपको सफ़ेद यूनिफार्म में जाना होता है। यदि आपके पास क्रिकेट किट नहीं है तो चिंता की बात नहीं है किट आपको ट्रायल में मिल जाती है सिर्फ एल गार्ड आप पर्सनल ही यूज़ करें तो बेहतर होगा। आप इस ट्रायल में सेलेक्ट होते हैं तो आपको आगे भेजा जाता है।
आपको आगे डिस्ट्रिक्ट की तरफ भेजा जाता है जहाँ आपको 3 मैच मिलते हैं और तीनों मैच में आपको अच्छा प्रदर्शन करना होता है। आपके प्रदर्शन के आधार पर आपको मंडल की टीम में भेजा जाएगा और मंडल की ओर से भी आपको तीन मैच खलेने का मौका मिलता है। मंडल में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी आपको आगे भेजा जाता है।
मंडल में अच्छे प्रदर्शन के आधार पर आपको आपके राज्य के रणजी ट्रॉफी ट्रायल में भेजा जाता है। यहाँ आपकी जगह आखरी 60 लड़कों में होती है। इन सभी 60 युवकों की टीम बनती है तथा आपस में मैच होते हैं और प्रदर्शन के आधार पर आपकी जगह आखरी 30 में बनती है।
आखरी 30 युवकों के इस समूह को कैम्प भी कहा जाता है। सही मायने में ये सेलेक्शन का अंतिम चरण होता है। इस कैम्प में आपकी बेसिक स्किल देखि व परखी जाती है। यहाँ आपकी स्ट्रेंथ, फिटनेस व तकनीक देखि जाती है। यह कैम्प तक़रीबन 1 महीना चलता है। अंततः क्लब में अच्छे प्रदर्शन के बाद आपको रणजी ट्रॉफी में खेलने का मौका मिलता है।
भारत में होने वाली घरेलु क्रिकेट प्रतियोगिताएँ- बेसिक जानकारी
Ranji Trophy
रणजी ट्रॉफी की शुरुआत 1934 में हुई । रणजी ट्रॉफी में रणजी नाम भारतीय क्रिकेट खिलाडी रणजीत सिंह से लिया गया। रणजीत सिंह को रणजी के नाम से जाना जाता था। इन्होने इंग्लैंड और Sussex के लिए भी क्रिकेट खेला। रणजीत सिंह 1907 से 1933 तक नावानगर नामक रियासत के राजा थे तथा इन्होने इंग्लैंड के लिए भी टेस्ट क्रिकेट खेला। रणजीत सिंह ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के लिए और सेंसेक्स के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट भी खेला।
रणजी ट्रॉफी लीग कम नॉक-आउट के आधार पर खेली जाती है। राजा भूपेंद्र सिंह ने यह ट्रॉफी B.C.C.I को दान में दी थी।
Padma Trophy महिला { राष्ट्रीय }- पदमा ट्रॉफी
C.K. Naidu Trophy
अंडर 19 (S.G.F.I) सी0 के0 नायडू ट्रॉफी — सी के नायडू भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के पहले कप्तान थे । सी के नायडू का पूरा नाम कोटारी कानाकाया नायडू है। इन्हें 1923 में होल्कर के राजा ने इन्दौर आने का निमंत्रण दिया तथा इन्हें थल और वायु सेना का कप्तान बनाया और होल्कर के राजा ने सी के नायडू को होल्कर फ़ौज के कर्नल का सम्मान दिया।
Cooch Behar Trophy
Under 19 (open) कूच बेहार ट्रॉफी — कूच बेहार एक शहर का नाम है जो भारत के पश्चिम बंगाल के कूच बेहार जिले में स्थित है। यह ट्रॉफी 19 वर्ष के पुरुष खिलाडियों के लिए होती है।
वीनू मांकड़ ट्रॉफी
अंडर 16 {S.G.F.I} वीनू मांकड़ ट्रॉफी — 1956 में पंकज रॉय के साथ मिलकर ओपनिंग पार्टनरशिप में 413 बनाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया था। यह रिकॉर्ड 52 वर्ष तक टिका रहा। यह रिकॉर्ड Newzeland के खिलाफ चेन्नई में बनाया गया था जिसमे वीनू मांकड़ ने अकेले ही 231 रन बनाये थे ।
Vijay Merchant Trophy
Under 15 {open} विजय मर्चेंट ट्रॉफी — विजय मर्चेंट का पूरा नाम विजय सिंह माधव जी मर्चेंट है। यह मुंबई महाराष्ट्र के रहने वाले थे यह एक अच्छे क्रिकेट खिलाडी थे। इनका वास्तविक नाम विजय माधव जी ठाकरसी था। इन्होने प्रथम श्रेणी मुंबई क्रिकेट टीम के लिए खेला था । 1929 से 1951 तक भारत के लिए 10 टेस्ट मैच खेले।
Rohinton Baria Trophy
आल इंडिया यूनिवर्सिटी { सभी जोन की विजेता टीमों के मध्य एक दिवसीय मैचेस } — रोहिंटन बारिया ट्रॉफी 1935 से मुंबई के अर्देशिर दादा भाई बारिया द्वारा ट्रॉफी अपने बेटे रोहिंटन की याद में दान दी। यह ट्रॉफी भारतीय विश्वविद्यालय की सभी ज़ोन की विजेता टीमों के मध्य एकदिवसीय विजेता क्रिकेट टीम को दी जाती है। पहले यह तरोही B.C.C.I द्वारा आयोजित की जाती थी पर 1940–41 में भारतीय अन्तर यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स बोर्ड ने अपने हाथों में ले लिया।
Vizzy Trophy
आल इंडिया यूनिवर्सिटी { सभी जोन की विजेता टीमों के मध्य तीन दिवसीय मैचेस } — विज़्ज़ी ट्रॉफी — इस ट्रॉफी में रोहिंटन बारिया ट्रॉफी में प्रतिभाग की हुई टीमों के मध्य तीनदिवसीय क्रिकेट प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं। यह ट्रॉफी विजय नगर के महाराज कुमार ले 0 कर्नल श्री विजय आनन्दा गणपति राजू के नाम से खेली जाती है। विज्जी भारतीय क्रिकेटर, क्रिकेट प्रशाशक और राजनीतिज्ञ थे।
Vijay Hazare Trophy
विजय हज़ारे ट्रॉफी — यह ट्रॉफी महाराष्ट्र राज्य के भारतीय क्रिकेटर विजय सैम्यूल हज़ारे के नाम से खेली जाती है। विजय हज़ारे ने 1951 से 1953 तक भारत के लिए 14 मैच खेलते हुए कप्तान की भूमिका निभाई। विजय हज़ारे टॉफी को रणजी एकदिवसीय ट्रॉफी भी कहा जाता है। इसकी शुरुआत 2002–2003 से हुई। इस प्रतियोगिता में रणजी ट्रॉफी के माध्यम से राज्यों की टीम प्रतिभाग करने लगी।
Deodhar Trophy
यह ट्रॉफी भारतीय क्रिकेट टीम के पुराने खिलाडी प्रोफेसर डी0 बी0 देवधर के नाम से आयोजित होती है। यह प्रतियोगिता 1973–74 में शुरू की गई। इस ट्रॉफी में भारत के पांच जोन — उत्तर ज़ोन, दक्षिण ज़ोन, पूर्व ज़ोन, पष्चिम ज़ोन, तथा केंद्र ज़ोन से प्रत्येक की एक टीम प्रतिभाग करती है। इस प्रतियोगिता में शीश दो टीमों IndiaA — India B का चयन B.C.C.I के द्वारा किया जाता है।
Irani Trophy
इस ट्रॉफी का नाम जेड आर ईरानी के नाम से पड़ा। ये 1928–1970 तक बी0 सी0 सी0 आई के सदस्य रहे।
दिलीप ट्रॉफी — यह ट्रॉफी गुजरात के नावानगर निवासी श्री दिलीप सिंह के नाम से आयोजित कराई जाती हैं। इसमें सभी जोनों से टीमें प्रतिभाग करती हैं ।
I.P.L me kaise khele — यदि आप आई 0 पी 0 एल में कैसे खेले से जुडी जानकारी चाहते हैं तो कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताएं।
लैदर क्रिकेट बैट ख़रीदे — Amazon se
कम्पलीट क्रिकेट किट — लैदर
SQRIBBLE — E book creator in few clicks
Originally published at https://sportsgo.in on March 1, 2021.